I don’t know how to figure out the best interpretation of you, Mahadevi, but the frankincense you hold shapes the essence of my lumpish set of experiences and helps me ride on the enchanting work of your infinity.
Your acceptance of my subconscious circumambulation around your feminine enlightenment has bandaged my karmic statements with the best of annotations. My vacuities are indebted as you made it possible for them to practice the spiritual space and carve their vacuum with the fulfillment of emptiness.
-Rishika Rathore
मुझे नहीं पता कि आपकी सबसे अच्छी व्याख्या कैसे की जाए, महादेवी, लेकिन आप जिस लोबान को धारण करती हैं, वह मेरे ढेर सारे अनुभवों के सार को आकार दैती है और मुझे आपके अनंत के करामाती कार्य पर सवारी करने में मदद करती है।आपके स्त्री-ज्ञान के इर्द-गिर्द मेरी अवचेतन परिक्रमा की स्वीकृति ने मेरे कर्म कथनों को सर्वोत्तम व्याख्याओं के साथ बांध दिया है।
मेरी रिक्तताएं ऋणी हैं, क्योंकि आपने उनके लिए आध्यात्मिक स्थान का अभ्यास करना और शून्यता की पूर्ति के साथ उनके निर्वात को तराशना संभव बनाया।
-ऋषिका राठौर
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